Projects Undertaken & Achievments

1 – जिला कल्याण विभाग, पूर्णिया (बिहार सरकार) की विशेष अंगिभूत योजनान्तर्गत अनुसूचित जाति और जनजाति छात्र व छात्रओं को निःशुल्क कम्प्यूटर प्रशिक्षण  आज तकनीकी और शैक्षणिक रूप से सभी को सक्षम होने की आवश्यकता है। राष्ट्र् की ख्य धारा में सम्मिलित करने तथा तकनीकी रूप से आधार मजबूत करने हेतु अनुसूचित जाति और जनजाति को विशेष अंगिभूत योजनान्तर्गत जिला कल्याण विभाग, पूर्णिया (बिहार सरकार) के मदद से ट्रस्ट ने 50 छात्र व छात्रओं को पूर्णतः निःशुल्क कम्प्यूटर प्रशिक्षण वर्ष 2001 में दिया। प्रशिक्षणोपरान्त अनेक विद्यार्थियों को स्वरोजगार के अलावा सरकारी और गैरसरकारी संगठनों में नौकरी प्राप्ति हुई।

2- बिहार कम्प्यूटर साक्षरता अभियान (Bihar Computer Saksharta Abhiyan)- सर्वप्रथम बिहार को कम्प्यूटर क्षेत्रे में आगे बढ़ाने हेतु सभी वर्ग, जाति, सम्प्रदाय के पुरुष और महिलाओं को निःशुल्क कम्प्यूटर प्रशिक्षण बिहार के प्रमुख केन्द्रो द्वारा वर्ष 2001 से 2008 तक दिया गया। इसमें ट्र्स्ट के पूर्णिया तथा शेखपुरा, पटना सेंटर की अहम भूमिका रही है। इसका मुख्य उद्देश्य शिक्षा के लिए ऊँचे शुल्क के ढांचे को जड़ से उखारना है, जो जरूरतमंदों को सही शिक्षा से वंचित कर देती है। सर्वप्रथम ट्रस्ट कम्प्यूटर शिक्षा को चुना क्योंकि कम्प्यूटर आजकल हर जगह अपना स्थान बना रहा है लेकिन इसकी शिक्षा जिज्ञासु उद्यमियों की पहुँच से काप़फ़ी दूर है। आज कोई भी कम्प्यूटर से अछूता नहीं है तथा इस बात से इनकार नहीं कर सकता कि कम्प्यूटर शिक्षा सबके लिए जरूरी भी है। ये बात भी उतनी हीं सही है कि कम्प्यूटर शिक्षा आज कुछ अमीर लोगों तक सीमित है तथा इसका मख्य कारण है कम्प्यूटर शिक्षा का महंगा होना। इस क्षेत्रें में लोगों की जागरूकता भी कम है। मदर टेरेसा ऐजूकेशनल ट्रस्ट का निःशुल्क कम्प्यूटर प्रशिक्षण कार्यक्रम ऐसे लोगों के लिए सेवारत है जो जिज्ञासा होते हुए भी महज बुनियादी शिक्षा का भी शुल्क वहन नहीं कर सकते । यह कम्प्यूटर प्रशिक्षण कार्यक्र म हर आदमी के भविष्य को उज्जवल बनाने के अवसर प्रदान करता है साथसाथ  काम करने का वातावरण को सुधारने, तर्क क्षमता को बढ़ाने तथा रोजगार के अवसर बढ़ाने में मदद करता है । दूसरे शब्दों में ट्र्स्ट हर उस गरीब के लिए मददगार है जो इच्छा रहते हुए भी कम्प्यूटर की बुनियादी शिक्षा हासिल नहीं कर सकते हैं। इस कार्यक्रम के तहत 500 लोगों को बिहार के विभिन्न जगहों पर कुमार उत्पल और अन्य लोगों द्वारा निःशुल्क कम्प्यूटर प्रशिक्षण देकर रोजगारन्मुख बनाया गया ।

3- अर्न्तराष्ट्रीय कम्प्यूटर साक्षरता मिशन (Antarashtriya Computer Saksharta Mission)-मानवीय संवेदना से अभिभूत होकर ट्र्स्ट/फाउण्डेशन अपनी छोटी संसाधन तथा कुमार उत्पल की दूरदर्शिता के फलस्वरूप भारत से सटे नेपाल के नौनिहालों को भी विश्व के बदलते परिदृश्य में रचनात्मक भागीदारी हेतु निःशुल्क कम्प्यूटर प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया जिसमें सैकड़ो छात्र-छात्रओं को कम्प्यूटर प्रशिक्षण प्रदान किया गया ।

4. उद्यमिता विकास कार्यक्रम (Enterpreneurship Development Program)- बेरोजगारी की भीषण भीड़ से मानवीय-मूल्यों में बेतहाशा गिरावट हुई है जिसकी वजह से सामाजिक, सांस्कृतिक और आर्थिक व्यवस्था हिलने की अवस्था में आ गई है। आज के तकनीकी युग में रोजगार भी अनेक विधायें सृजित किया है। ये सभी विधायें परोछ और अपरोछ रूप से कम्प्यूटर से जुड़ा हआ है। कम्प्यूटर की सही ट्रेनिंग व्यवस्था पाकर अनेक प्रकार के स्वरोजगार पा सकते है। इस पहलू को ध्यान में रखकर ट्रस्ट/फाउण्डेशन ने कम्प्यूटर प्रशिक्षण अभियान जारी किया। कुछ प्रमुख स्वरोजगार से संबंधित कार्यक्रम इस प्रकार है-

क-) डी॰ टी॰ पी॰ (डेस्क टॉप पब्लिशिंग) की ट्रेनिंग:- सामान्य प्रेस (जहाँ से अखबार निकलता है) और प्रिन्टिग प्रेस के कामों में आज कम्प्यूटर का बखूबी उपयोग किया जाता है। इसके उपयोग से काम तेज और बेहतर हो जाता है । प्रेस की गुणवत्ता को ध्यान में रखते हुए प्रेस प्रतिनिधियों और प्रिटिंग प्रेस कर्मचारियों को कम्प्यूटर प्रशिक्षण दिया गया, जिससे अनेक को रोजगार मिलने का रास्ता प्रशस्त हुआ है ।

ख-) कम्प्यूटरकृत लेखा की ट्रेनिंग (Computer Accounting Training):आज के आर्थिक युग में पैसे के हिसाबकिताब रखने की बहुत जरूरत है । लगभग प्रत्येक ऑफीस शैक्षणिक व अशैक्षणिक केन्द्र, व्यापार केन्द्र, इत्यादि में लेखा के काम को तत्क्षण और सही रूप से करने हेतु कम्प्यूटर द्वारा लेखा का काम बखुबी किया जाता रहा है। कम्प्यूटरकृत लेखा का बहुत सारा पैकेज बाजार में उपलब्ध है जिसमें टैली, एकॉर्ड, फैक्ट, इत्यादि। इनमें से कुछ पैकेज को बेहतर ढंग से ट्रस्ट/फाउण्डेशन द्वारा प्रशिक्षण दिया गया।

ग-) कम्प्यूटर हार्डवेयर की ट्रेनिंग (Computer Hardware Training)- आज कम्प्यूटर अनुसंधान केन्द्र से उठकर प्रत्येक ऑफीस से गुजरते हुए घर के विभिन्न कामों और यंत्रें में लगने लगा है। हाल में तो शरीर के अंग में भी इसका उपयोग का काम प्रारंभ हो चुका है। ऐसी स्थिति में कम्प्यूटर के रखरखाव, उसकी मरम्मत का काम की जरूरत महसूस हो रही है। इस कामों की देखरेख हार्डवेयर जानकार लोग करते है। कम्प्यूटर की संख्या इतनी बढ़ चुकी है। जितनी मात्र में  र्डवेयर तकनीशियन उपलब्ध नहीं है। इस क्षेत्र में रोजगार की असीम संभावना है। इस पहलु को ध्यान में रखकर अनेक छात्र व छात्रओं, रेडियो मेकेनिको, टी॰ वी॰ मेकेनिको, इत्यादि को ट्र्स्ट/फाउण्डेशन द्वारा प्रशिक्षण दिया गया।

घ)- वेब जागरूकता की ट्रेनिंग (Web Awareness Training) देना – इस इन्टरनेट युग में इन्टरनेट हैंडलिंग, वेब साइट डेवलपमेंट, सर्फिंग, ब्राउजिंग, इत्यादि का काम जानना बहुत जरूरी है। प्रत्येक ऑफीस, शैक्षणिक व अशैक्षणिक केन्द्र, व्यापार केन्द्र, इत्यादि अपनी सारी जानकारी (Information) इन्टरनेट पर रखते है। इन्टरनेट से जानकारी प्राप्त करने तथा अपनी जानकारी डालने हेतु लोगों को ट्रेनिंग दी गयी।

घ) मल्टिमीडिया ट्रेनिंग (Multimedia Training)-कम्प्यूटर के द्वारा सी॰ डी॰ (Compact Disc) को आपरेट करने उसके विषयवस्तु को कम्प्यूटर में रखने तथा कम्प्यूटर से सी॰ डी॰ में लिखने (Write) के अलावे ऐनिमेशन और अनेक जरूरी ज्ञान हेतु विभिन्न कार्यों की ट्रेनिंग दी गयी।

5- कम्प्यूटर पत्रिका का प्रकाशन तथा निःशुल्क वितरण (Publication Of Computer Magazine And Its Free Distribution):-
विश्व के बदलते आइ॰ टी॰ परिदृश्य तथा इसकी लोकप्रियता को बढ़ाने हेतु ट्र्स्ट/फाउण्डेशन द्वारा जनसामान्य हेतु कम्प्यूटर पत्रिका आइ॰ टी॰ सूचना ब्यूरो और सर्व कम्प्यूटर हलचल का प्रकाशन और इसका निःशुल्क वितरण कई वर्षों से किया जा रहा है, जिसका सम्पादन कार्य आइ॰ टी॰ विशेषज्ञ कुमार उत्पल द्वारा किया गया। इसके प्रथम अंक पर श्री बच्चा ठाकुर आइ॰ ए॰ एस॰, प्रबंध निदेशक रियाडा-सह अपर सचिव, विज्ञान प्रावैद्यिकी, सूचना प्रौद्योगिकी एवं उद्योग विभाग, राची, झारख्रण्ड द्वारा संदेश दिये गये। इस तरह के पहल से जनसामान्य के अलावे कम्प्यूटर छात्र व छात्रओं को भी बहुत फायदा हुआ है।

6- कम्प्यूटर किताब का प्रकाशन तथा निःशुल्क वितरण (Publication Of Computer Book And Its Free Distribution):-
बेहतर ढंग से कम्प्यूटर की पढ़ाई और कम्प्यूटर शिक्षा के प्रति आमलोगों को जागृति पैदा करने हेतु ट्रस्ट/फाउण्डेशन द्वारा लगभग 26 कम्प्यूटर किताब का प्रकाशन तथा जरूरतमंद लोगों में निःशुल्क वितरण भी बारह सालों से लगातार करवाया है। इन सभी किताबों का लेखन कार्य कुमार उत्पल ने किया है। इनमें से कुछ किताबों का अग्रसारण एस॰ के॰ झा, आइ॰ जी॰ के द्वारा किया गया ।

7- विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं द्वारा लेख प्रकाशित करवा कर जनजागृति फैलाने का काम (Publication Of Article Through Many Newspaper & Magazine For Awareness):-
विज्ञान और तकनीकी से संबंधित नवीनतम विषय-वस्तु को आम जनों तक पहुँचाने हेतु ट्रस्ट कुमार उत्पल के द्वारा विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में लेख लिखवाया जिससे अनेक लोग लाभान्वित हुये।

8- सेमिनार, संगोष्ठि, कार्यशाला, जागरूकता शिविर (Seminar, Workshop Awareness Program):-
कम्प्यूटर के बहुआयामी कार्य पद्धति के प्रति विद्यार्थियों, तथा आमजनों को जागरूक करने हेतु बिहार और झारख्रण्ड के प्रमुख स्थलों पर 400 से अधिक सेमिनार, संगोष्ठि, कार्यशाला, जागरूकता शिविर, इत्यादि का आयोजन ट्रस्ट/फाउण्डेशन तथा इससे जुड़े अनेक संस्थाओं और इकाई के द्वारा किया गया है, जो कम्प्यूटर साक्षरता तथा जागरूकता में बहुत उपयोगी सिद्ध हुआ है। इस आयोजन में ट्रस्ट/फाउण्डेशन के कुमार उत्पल की अहम भूमिका रही है।

9- महिला कम्प्यूटर साक्षरता अभियान (Women Computer Literacy Abhiyaan):-
महिला सशक्तिकरण के तहत ट्रस्ट/फाउण्डेशन कार्यरत, घरेलू, अध्ययनरत महिलाओं को निःशुल्क और कम शुल्क कार्यक्रम के अर्न्तगत प्रशिक्षण दिया। अभी तक 400 के लगभग महिलाओं को प्रशिक्षण दिया गया। इस कार्यक्रम का दिशा निर्देशन मैनेजिंग ट्र्स्टी कुमारी वन्दना द्वारा किया गया।

10- नेता कम्प्यूटर प्रशिक्षण अभियान (Leader Computer Literacy Abhiyan):-

प्रशासनिक कार्यकुशलता को सुगठित, तेज और सही करने के उद्देश्य से ट्रस्ट/फाउण्डेशन ने आई- टी- विशेषज्ञ कुमार उत्पल के नेतृत्व में पंचायत स्तर से केन्द्रीय मंत्री व मुख्यमंत्री स्तर तक के नेतागणों को निःशुल्क कम्प्यूटर प्रशिक्षण दिया

11- ऑफीस स्वीफ्रट प्रोजेक्ट (Office Swift Project):-

इस प्रोजेक्ट के तहत कर्मचारी वर्ग को कार्य दक्ष बनाने हेतु ट्रस्ट/फाउण्डेशन द्वारा कम्प्यूटर प्रशिक्षण अभियान आइ॰ टी॰ विशेषज्ञ कुमार उत्पल के दिशा निर्देशन में दिया गया। छः सौ से अधिक कार्यरत कर्मचारियों, यथा, बैंक कर्मचारियों, वकीलों, डाक्टरों, भारतीय प्रशासनिक सेवा-(IAS) अधिकारियों, भारतीय पुलिस सेवा (IPS) अधिकारियों, भारतीय वन सेवा (IFS) अधिकारियों, रेलवे सेवा, प्रेस कर्मचारियों, हाई कोर्ट कर्मचारियों, पटना सचिवालय कर्मचारियों, कॉलेज शिक्षक व अन्य सरकारी और गैर-सरकारी कर्मचारियों को कम्प्यूटर प्रशिक्षण प्रदान किया गया।

12- सहारा स्वीफ्रट प्रोजेक्ट  (Sahara Swift Project)-  

इस प्रोजेक्ट के अन्तर्गत विकलांग व्यक्तियों को सहारा और सक्षम बनाने हेतु ट्रस्ट द्वारा निःशुल्क कम्प्यूर प्रशिक्षण दिया गया। अभी तक ट्रस्ट/फाउण्डेशन द्वारा 25 विकलांगों को कम्प्यूटर प्रशिक्षण दिया गया है। प्रशिक्षणोपरान्त अनेक व्यक्तियों को सरकारी व गैर-सरकारी नौकरी तथा स्वावलंबन का सहारा मिला।

13- सृजन प्रोजेक्ट (Generation Project)-  ग्रामीण और शहरी रोजगार सृजन कार्यक्रम (Rural & Urban Employment Generation Program) –

इस प्रोजेक्ट के तहत ट्रस्ट/फाउण्डेशन ग्रामीण और शहरी क्षेत्रें में लोगों को रोजगारन्मुख और स्वावलंबन बनाने हेतु कम्प्यूटर प्रशिक्षण, स्क्रीन प्रिन्टिंग, प्रेस संचालन, ऑफीस संचालन, ऑफसेट प्रिंटिंग हेतु प्लेट निर्माण, डिजिटल फोटोग्राफी, डी॰ टी॰ पी॰ कार्य, विडियो मिक्सिंग, साइबर कैफे संचालन, इन्टरनेट ऑपरेटिंग, इत्यादि का प्रशिक्षण दिया ।

14- गाँव-गरीब कम्प्यूटर साक्षरता रथ (Gaon Garib Computer Saksharata Rath)-

कम्प्यूटर शिक्षा घर  (Computer Education At the Door) को ध्यान में रखते हुये कम्प्यूटरविद्, लेखक और संस्था के सी॰ इ॰ ओ॰ कुमार उत्पल के नेतृत्व में लैपटॉप कम्प्यूटर से पूरे बिहार के गाँव- गरीब तक महीनों भ्रमण कर कम्प्यूटर शिक्षा दिया गया।

15- सर्व कम्प्यूटर और प्रबंधन शिक्षा (अमेरिको वेदान्तिक फाउण्डेशन)-

ट्रस्ट की अंगिभूत सह स्वायत इकाई के रूप में कम्प्यूटर के साथ-साथ प्रबंधन (मैनेजमेंट) की “न्यूनतम शुल्क-अधिकतम सुविधा” के आधार पर पूरे भारत में शैक्षणिक कार्यक्रम बखुबी चल रहे हैं । कई विश्वविद्यालय से लिंक सुविधा के आधार पर भी पढ़ाई करायी जा रही है।

1- पल्लवन (कला और संस्कृति विकास की इकाई)

2- सौष्ठव (युवा और खेल विकास की इकाई)

3- स्वच्छालय (पर्यावरण जागरूकता की इकाई)

4- संस्कृतोद्भव (संस्कृत के उत्थान की इकाई)

5- सक्षम (कम्प्यूटर साक्षरता की इकाई)

6- अक्षर (साक्षरता की इकाई)

1- पल्लवन (कला और संस्कृति विकास के इकाई):- बिहार के सांस्कृतिक चेतना की जड़े बहुत गहरी हैं। साहित्य, कला, संगीत जैसी तमाम विधाओं की समृद्ध परंपरा राष्ट्रीय स्तर पर प्रदेश की विशेष पहचान रही है। तमाम आपाधापी के बावजूद संस्कृति कर्म की अलख जगाने वाले सतत सक्रिय हैं। इसी साधना को साकार करने की एक पहल है         ‘पल्लवन’।  ‘पल्लवन’ इकाई की स्थापना ट्र्स्ट/फाउण्डेशन द्वारा व्यापक संस्थागत भूमिका और उद्देश्य हेतु किया गया है। ‘पल्लवन’ के अन्तर्गत प्रमुख कार्यक्रम इस प्रकार है।

क- बच्चों को विभिन्न कलाओं के मूर्धन्य विद्वानों से प्रशिक्षण देने की व्यवस्था करना।

ख- बच्चों को स्टेज शो करवाना।

ग- अच्छे बच्चों का पुरस्कृत करना।

ट्रस्ट द्वारा लगातार ‘पल्लवन’कार्यक्रम आयोजित की जाती रही है, जिससे बच्चों में कला और संस्कृति विकास के प्रति आशक्ति बढ़ी है।

ट्रस्ट के सांस्कृतिक सलाहकार रहे शैलेन्द्र कुमार (आकाशवाणी) के निर्देशन में अनेक बच्चों ने कला और संस्कृति के बहुपक्षीय पहलू के विशद ज्ञान को जाना ।

ट्रस्ट से जुड़े लोगों के निर्देशन में सीतामढ़ी जिले के छात्र और छात्रओं को कला-प्रशिक्षण सह स्टेज शो का प्रोग्राम 18 मार्च 2004 को कराया गया जिसमें अनेक बच्चों ने काफी फायदा उठाया। इस तरह के आयोजन से बच्चों में आत्मविश्वास के साथ कला के प्रति रूभफ़ान पैदा किया जाता है। इस कार्यक्रम का उद्घाटन विधान पार्षद दिलीप कुमार यादव व नगर विधायक सुनील कुमार पिन्टू के द्वारा संयुक्त रूप से किया गया।

ट्रस्ट के पूर्णिया केन्द्र के नेतृत्व में 30 अगस्त, 2004 को कला और संस्कृति के विकास, प्रशिक्षण और स्टेज शो का प्रोग्राम कराया गया जिसमें पूरे पूर्णिया कमिशनरी के छात्र व छात्रओं ने भाग लिया । इस तरह के प्रोग्राम से इन क्षेत्रें में कला और संस्कृति के प्रति विद्यार्थियों के साथ-साथ गाँव के लोगों को भी जागरूक होने का अवसर मिलता है।

2- “सौष्ठव” (युवा और खेल विकास की इकाई):- युवा, हमारे देश की शक्ति, धरोहर और संसाधन है। इसकी सही विकास में ही समाहित है परिवार, समाज और देश का विकास।

युवा शक्ति को सही ढंग से चहुँमुखी संवर्धन करने की जरूरत है जिससे सही मानसिक विकास के साथ यथोचित शारीरिक विकास हो सके। स्वामी विवेकानन्द ने भी देश के नैनिहालों के प्रति उनका यह कहना प्रेरक रहेगा- उठो जागो और तबतक न रूको, जबतक लक्ष्य की प्राप्ति न हो। सौष्ठव के अन्तर्गत निम्न कार्यक्रम सम्मिलित है, यथा –

1- युवा विकास

2- खेल विकास

1- युवा विकासः- युवा विकास के अन्तर्गत सर्वांगीण व्यक्तित्व विकास समाहित है। ट्र्स्ट के पास व्यक्तित्व विकास हेतु अनेक कार्यक्रम है, जिसका कई वर्षों से कार्यान्वित किये जा रहे हैं, यथा-

क- भाषा विकास कार्यक्रम

ख- क्विज कांटेस्ट-वाद-विवाद से संबंधित कार्यक्रम

  • भाषा विकास- प्रांतीय भाषा (मैथिली, वज्जिका, भोजपुरी, इत्यादि) राष्ट्रीय भाषा (हिन्दी), प्राचीन भाषा (संस्कृत) और अर्न्तराष्ट्रीय भाषा (अँगरेज़ी) में शुद्धता से लेखन और वार्तालाप को प्रोत्साहन और दिशानिर्देश देना साथ में भाषा विशेषज्ञों की मदद से उचित परामर्श की व्यवस्था कराना। भाषा लेखन व वाद-विवाद प्रतियोगिता का आयोजन करना। हिन्दी और संस्कृत दिवस का आयोजन और किताब का प्रकाशन करना।

3- स्वच्छालय (पर्यावरण जागरूकता का इकाई)- ट्रस्ट द्वारा पर्यावरण के प्रति लोगों को जागरूक करने हेतु एक अलग स्वायत इकाई गठन की गई है। इसका मुख्य उद्देश्य पर्यावरण की सुरक्षा बचाव के तरीका और सही उपयोग को आमलोगों तक पहुँचाना है। प्रदूषण के प्रकार, बचाव और निदान के साथ-साथ जंगली जीवन (Wildlife) के उपयोगिता की पुरानी व नवीन पद्धति को आमजन तक पहुँचाना, विश्लेषण करना और खोज करना।

इसके निम्न कार्य इस प्रकार है-

प- पर्यावरण जागरूकता अभियानः- समाज के हरेक वर्ग के लोगों में पर्यावरण के प्रति जागरूकता पैदा करना। इस अभियान के तहत सामान्य विद्यार्थी, किसान, स्कूल, कॉलेज, विश्वविद्यालय, अनुसंधान संस्थान, तकनीकी केन्द्र, महिला, मजदूर व अन्य संस्थान इत्यादि को शामिल किया जायेगा, जिसमें निम्नलिखित कार्य सम्मिलित किया गया है, यथा-

क- पदयात्र                  ख- पर्यावरण रैली            ग- शिविर

घ- सम्मेलन                 ड़- नुक्कड़ नाटक             च- सेमिनार

छ- कार्यशाला                ज- संगोष्ठि                 झ- वृक्षारोपण

×ा- प्रतियोगिता              त- सफाई कार्यक्रम           थ- झाँकी

द- प्रशिक्षण                 ध- कैम्प                    न- बैनर

प- फिल्म दिखाना            फ- प्रर्दशनी                  ब- पोस्टर

भ- विज्ञान मेला              म- शैक्षणिक किट            य- ए॰ वी॰ शो

र- फोक डांस                ल- जथा

2- प्रकाशनः- साक्षर से लेकर शिक्षित वर्ग के लागों को पर्यावरण के विषय हेतु आसानी से समभफ़ाने हेतु लिखित व ऑडियो विजूअल सामग्री को तैयार करना, जिसमें निम्न वस्तुयें सम्मिलित है, यथा-

क- चार्ट बनाना                               ख- पर्यावरण संबंधी किताब छपवाना

ग- पर्यावरण संबधी कविता का प्रकाशन    घ- विभिन्न प्रेस के माध्यम से लेख व वक्तव्य छपवाना

घ फिल्म तैयार करवाना                 च- शैक्षणिक संसाधन वस्तुयें को तैयार करना

छ- सीडी या दूसरे मल्टिमीडिया टूल को तैयार करना।

3- सरकारी और गैर-सरकारी संगठन से समन्वयन बनानाः- आवश्यकतानुसार पर्यावरण के विकास में लगे सरकारी व गैर-सरकारी संगठनों से समन्वयन बनाकर काम करना।

उपाधि और फेलोशिप प्रदान करनाः- पर्यावरण शुद्धिकरण और विकास तथा पर्यावरण प्रदूषण की रोकथाम में विशेष योगदान हेतु उपाधि तथा फेलोशिप प्रदान करने की व्यवस्था करना।

अ- इको-क्लब और इको-फ्रेन्डस (Eco-Friends) की स्थापनाः- सभी तरह के सरकारी व गैर-सरकारी केन्द्र में पढ़नेवाले छात्र, वैज्ञानिक, अध्यापक तथा कार्यरत लोगों के बीच इको-क्लव और इको-फ्रेन्डस की स्थापना करना। इसके निम्न कार्य हैं, यथा –

क- अभिवादन के रूप में इको शब्द का प्रयोग।

ख- वृक्षारोपण के कार्यों में सहयोग।

ग- घर में बच्चें के जन्म पर वृक्षारोपण कार्य।

घ- जन्म दिन के अवसर पर वृक्षारोपण का पवित्र कार्य।

घ सफाई-अभियान में सहयोग।

च- संगोष्ठि, सेमिनार, सम्मेलन, शिविर, इत्यादि में भागीदारी।

छ- पर्यावरण प्रदूषण के रोकथाम हेतु नयी तकनीकी सुभफ़ाव में सहयोग।

अप- पर्यावरण वाहिनी की स्थापना:- चलंत पर्यावरण वाहिनी की व्यवस्था होने से भीतरी क्षेत्रें, जंगली क्षेत्रें, दलदली क्षेत्रें, पहाड़ी क्षेत्रें, मरूस्थलीय क्षेत्रें, देहाती इलाको में पर्यावरण विषय को समझानें और कार्यान्वयन करने में सुविधा।

कार्यरूप एवं उपलब्धियाँ

पर्यावरण सरक्षण और जागरूकता से संबंधित अनेक कार्य द्वारा ट्रस्ट कई वर्षों से किये जा रहे हैं, जो इस प्रकार हैं-

1- पर्यावरण दिवस का आयोजन

2- वृक्षारोपण कार्यक्रम

1- पर्यावरण दिवस का आयोजनः- प्रत्येक साल पर्यावरण दिवस 5 जून 2001 से लगातार ट्रस्ट द्वारा मनाया जा रहा है ।

ट्रस्ट द्वारा इस दिवस पर अक्सरहा कार्यशाला, सेमिनार, रैली, संगोष्ठि, सफाई कार्यक्रम, शिविर, इत्यादि का आयोजन किया जाता रहा है, जिससे धरातल स्तर पर पर्यावरण जागरूकता बढ़ी है।

5 जून 2004 को पर्यावरण दिवस के अवसर पर मदर टेरेसा एजुकेशनल ट्रस्ट द्वारा सेमिनार, कविता और वृक्षारोपण का कार्यक्रम सप्ताह भर के लिये आयोजित की गई, जिसमें अनेक प्रतिभागियों ने भाग लिया तथा अनेक पर्यावरण के विषय में बहुत कुछ जाना।

2- वृक्षारोपण कार्यक्रमः- किसी भी देश की पर्यावरण संतुलन की स्थिति कायम रखने हेतु 33% भू-भाग में वन होना अति आवश्यक है। भारत में अभी 22% वन है (वन विभाग के रिपोर्ट के अनुसार) जबकि 18-19% वन है (रिमोट सेन्सिंग के रिपोर्ट के अनुसार) दोनों रिपोर्ट के अनुसार भी हम पर्यापरण संतुलन को बरकरार नहीं रख पा रहें हैं। बिहार में तो 8-9% में भू-भाग में वन है जो पर्यावरण संतुलन की दृष्टि से काफी कम है। इस कमी को दूर करने हेतु ट्र्स्ट कई तरह के कार्यक्रम चला रही है –

1- अभिवादन के रूप में इको शब्द का प्रयोग

2- वृक्षारोपण के कार्य में सहयोग

3- बच्चों के जन्म के समय एक वृक्ष रोपने की आदत डालने हेतु आम सुझाव

4- जन्मदिन को वृक्षारोपण से जोड़ने हेतु आमलोगों को प्रेरित करना।

5- 5 जून, 2004 को पर्यावरण दिवस के अवसर पर पटना परिक्षेत्र के विभिन्न स्थली पर वृक्षारोपण कार्यक्रम की शुरूआत ट्रस्ट के कुमारी वंदना द्वारा किया गया। बच्चों में वृक्षारोपण के प्रति सकारात्मक सोच बढ़ाने और इसके लाभ के बारे में विस्तृत चर्चायें भी की गई।

– 17 जून 2004 को मरूस्थलीकरण एवं सुखा निरोधक विश्व दिवस के अवसर पर वृक्षारोपण कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें बच्चों ने बढ़चढ़कर भाग लिया। पर्यावरणविद् कुमार उत्पल के नेतृत्व में एक संगोष्ठि का आयोजन मदर टेरेसा ऐजूकेशनल ट्रस्ट, राजा बाजार, पटना में किया गया। इस अवसर पर कुमार उत्पल ने कहा की मरूस्थल का विस्तार को वृक्षारोपण द्वारा ही कम किया जा सकता है। वृक्षारोपण को जीवन के हरेक क्षेत्रें में अपनाना होगा। बच्चे के जन्म के अवसर और पूर्वजों के याद में एक वृक्ष लगाने का प्रयास करना चाहिए। वृक्षारोपण से ही मरूस्थल के विस्तार को कम किया जा सकता है और जल-चक्र को कायम किया जा सकता है। कुमार उत्पल ने कहा कि भूमि नहीं मातृभूमि है, इसकी रक्षा करना सीखो। इन सभी कार्यक्रम का प्रतिफल है कि बच्चें पर्यावरण के प्रति काफी सचेत हो रहे हैं। पर्यावरण के उचित उपयोग, संरक्षण, प्रदूषण प्रकार और नियंत्रण से संबंधित बातों को बच्चें समझनें लगे है। बच्चे अब पूर्ण रूप से अवगत हो रहे है कि पर्यावरण की सुरक्षा में ही निहित है हमारी सुरक्षा।

4- संस्कृतोद्भव:-  संस्कृत साहित्य सबसे प्राचीन माना जाता है तथा इसको देवताओं की भाषा कहा जाता है, यह हमारी प्राचीन सभ्यता और संस्कृति के साथ ज्ञान विज्ञान की धराहर रही है। इसकी भाषा की सुरक्षा, संरक्षण और विकास हेतु ट्रस्ट/फाउण्डेशन कई सालों से प्रयास कर रही है।

1-) संस्कृत कालेज की स्थापना सह सहयोग दयमन्ती, वैद्यनाथ, मदनाकर संस्कृत कालेज।

2-) संस्कृत स्कूल की स्थापना सह सहयोग -श्री भोलानाथ, ईश्वरनाथ, हीरालाल प्राथमिक                   सह माध्यमिक संस्कृत विद्यालय।

3-) संस्कृत दिवस का आयोजन।

4-) संस्कृत ग्रंथावली का संरक्षण और संग्रहण।

5-) संस्कृत संस्थान में निःशुल्क कम्प्यूटर प्रशिक्षण कार्यशाला करवाना।

4-  सक्षम (कम्प्यूटर साक्षरता की इकाई):-  इस कार्यक्रम के माध्यम से गरीब, अनाथ, बेसहारा, अभिवंचित समूह के बच्चों को समर्थवान बनाने हेतु ट्रस्ट /फाउण्डेशन द्वारा कम्प्यूटर प्रशिक्षण और व्यक्तित्व विकास की प्रेरणादायक शिक्षा मुफ्रत में दिया गया ।

5- अक्षर (साक्षरता की इकाई)- इस कार्यक्रम के तहत पुरूष और महिलाओं को साक्षर बनाने हेतु ट्रस्ट/फाउण्डेशन द्वारा ग्रामीण क्षेत्रे के गरीब लोगों को साक्षर किया गया।

 शैक्षणिक हब (Educational Hub)

संस्थागत भूमिका को निर्वहण के दायित्व को कायम करने हेतु अनेक शैक्षणिक और तकनीकी केन्द्रों को एक सूत्र में पिरोया है जो निम्न है –

1. ‘‘टेक्नो फन किड्स”

2- वन्देमातरम् शिक्षापीठ

3- कालेज (College)-श्री दयमन्ती, वैद्यनाथ, मदनाकर संस्कृत कालेज।

4- प्राथमिक सह माध्यमिक हाईस्कूल -श्री भो॰, ई॰, ही॰ प्रा॰ सह माध्यमिक संस्कृत    विद्यालय, निःशुल्क शिक्षा की व्यवस्था।

5- कम्प्यूटर प्रशिक्षण केन्द्र -देश-विदेश के प्रमुख शहरों में कम्प्यूटर प्रशिक्षण केन्द्र की कुल संख्या-30 “न्यूनतम शुल्क-अधिकतम सुविधा” के आधार पर।

6- कम्प्यूटर और प्रबंधन केन्द्र-30 केन्द्र पूरे भारत वर्ष में “न्यूनतम शुल्क-अधिकतम सुविधा” पर आधारित।

7- संस्थान-पल्लवन, सौष्ठव, अमेरिको वेदान्तिक फाउण्डेशन, बिहार एसोसियेशन ऑफ कम्प्यूटर ट्रेनर्स, स्वच्छालय, इत्यादि।

 

 

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